Mera Jeevan Ka Maksad
मेरे जीवन का मकसद तू है
मेरे जीने का कारण तू है
मैं जीयूँ या मरूँ, वो तेरे लिये
तू मेरा प्रभु
पिछला सब भूलकर, मैं आगे दौड़ा चलूँ
जो मेरे लिये धन था, उसको मैं त्याग दूँ
कि मैं पाऊँ उससे पुरस्कार, दौड़ा मैं जाऊँ
मैं जीयूँ…
मुझ पर है कृपा, बेकार ना जाने दूँ
जिसने मुझे चुना, उसकी और मैं बढ़ूँ
देखूँ तेरी सलीब पर, खिंचा मैं जाऊँ
मैं जीयूँ